जाटनी-ओ जी आपनै मैं कितनी अच्छी लागू सूं।
जाट- बहोत घनी।
जाटनी -फेर भी कितनी?
जाट- कह दी ना घनी ए।
जाटनी- बता दे कितनी , ना त देख लिए रोटी नही मिलैंगी।
जाट- ओ भागवान तू मनै इतनी अच्छी लागै सै इतनी अच्छी लागै सै अक इसा जी करै सै के तेरे जिसी एक और लियाऊँ ।।।
जाट- बहोत घनी।
जाटनी -फेर भी कितनी?
जाट- कह दी ना घनी ए।
जाटनी- बता दे कितनी , ना त देख लिए रोटी नही मिलैंगी।
जाट- ओ भागवान तू मनै इतनी अच्छी लागै सै इतनी अच्छी लागै सै अक इसा जी करै सै के तेरे जिसी एक और लियाऊँ ।।।
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