Monday, October 27, 2014

मेरी मंज़िल मेरी हद

मेरी मंज़िल मेरी हद ।
बस तुमसे तुम तक ।।
ये फ़क्र है कि तुम मेरे हो ।
पर फ़िक्र है कि कब तक ।।

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