Wednesday, February 27, 2013

ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में

ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में
एक टूट भी जाता इश्क में तो ,तकलीफ ना होती जीने में …….तकलीफ ना होती जीने में


सच कहते हैं लोग के पीकर रंज नशा बन जाता है
कोई भी हो रोग ये दिल का ,दर्द दवा बन जाता है
आग लगी हो इस दिल में तो …………
आग लगी हो इस दिल में तो…. हर्ज है क्या फिर पीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में ……….


भूल नहीं सकता ये सदमा ,याद हमेशा आएगा
किसी ने ऐसा दर्द दिया जो बरसों मुझे तड़पआयेगा
भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के ……………..
भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के… कोई साल महीने में………..कोई साल महीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में ……….

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