Tuesday, February 26, 2013

ठोकर खाकर गुनगुनाना ज़िन्दगी है

ठोकर खाकर गुनगुनाना ज़िन्दगी है
गम पाकर मुस्कुराना ज़िन्दगी है
सुख के साथ जीये तो क्या जीये
गम भुलाकर जशन मनाना ज़िन्दगी है

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